साइंस को आर्ट से जोड़ने वाली एप्पल इंक. जिसके प्रॉडक्ट,बालमजदूरीकीकीमतपरबनतेहैंगैलेक्सीSऔर खासतौर पर आईफोन दुनिया को दीवाना बना चुका है. उसके साथ रेस कर रहा है सैमसंग का गैलेक्सी. इसका हालिया मॉडल तो दुनिया में सबसे तेजी से बिकने वाला स्मार्ट फोन बन चुका है. मगर इन खूबसूरत से दिखते फोनों के पीछे बाल मजदूरों का पसीना छिपा है. ये दावा है ‘फ्रेंड्स ऑफ अर्थ’ नाम के एक अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संगठन का. संगठन के मुताबिक ये दोनों ही कंपनियां टिन की सप्लाई ऐसे लोगों और कारखानों से ले रही हैं, जो बच्चों से मजदूरी करवाते हैं. फोन कंपनियां डिवाइस का हार्डवेयर तैयार करने के लिए टिन का इस्तेमाल करती हैं. यह फोन की प्लेट पर अलग-अलग टांके जड़ने के काम आता है. संगठन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि एपल और सैमसंग जिस टिन का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसका खनन इंडोनेशिया के एक आईलैंड बंका में किया जाता है. अवैध रूप से यहां होने वाले खनन में मजदूर के रूप में बच्चों को लगाया गया है. इसके अलावा खनन के चलते आसपास के जंगलों और मूंगे की चट्टानों को भी नुकसान पहुंच रहा है.एक कोरियन अखबार के मुताबिक सैमसंग ने यह स्वीकार किया है कि वह इस इलाके से आने वाले टिन का इस्तेमाल प्रॉडक्शन में कर रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले की जांच की जाएगी. हालांकि कंपनी ने टिन सप्लायर्स से सीधा जुड़ाव होने से इनकार किया है. उधर दूसरी बड़ी कंपनी एप्पल ने इस रिपोर्ट पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है.