दिल्ली के उत्तम नगर में बीते दिनों पिटबुल ब्रीड के एक कुत्ते ने कई लोगों को काट लिया. इस घटना का एक वीडियो एएनआई ने भी जारी किया था,पिटबुलनस्लकेकुत्तोंकीखतरनाकट्रेनिंगबंदहोपीएफए जिसमें कुत्ता लोगों पर हमला करते दिख रहा है. इस घटना के बाद ये सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर इस तर कुत्ते कितने खतरनाक होते हैं. साथ ही इनको पालना कितना सुरक्षित है. Three injured after being attacked by a Pitbull Terrier in Delhi's Uttam Nagar. (28.3.18) इस संबंध में हमने जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था पीपल फॉर एनिमल के सदस्य सौरव गुप्ता से बात की. सौरव बीते कई सालों से जानवरों के हितों के लिए काम कर रहे हैं और मेनका गांधी के साथ भी जुड़े रहे हैं. सौरव बताते हैं कि पिटबुल का इस्तेमाल डॉग फाइटिंग के लिए होने लगा है. इन्हें इस तरह से रखा जाता है जिससे यह बेहद गुस्सैल हो जाते हैं. इन पर इंजेक्शन का भी इस्तेमाल किया जाता है. सौरव बताते हैं कि बीते दिनों पंजाब सरकार को चिट्ठी लिखकर पिटबुल डॉग फाइट पर रोक लगाने की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. सौरव का कहना है कि पंजाब में कुत्तों की फाइट पर होने वाली सट्टेबाजी लाखों से करोड़ों रुपए तक की होती है. वहीं दिल्ली में डॉग की ट्रेनिंग पर काम करने वाले नरेश सहरावत बताते हैं कि पिटबुल बाहर की नस्ल है. इसे इस तरह से ट्रेन किया गया है, जिससे यह बेहद खूंखार बन जाता है. इसे ट्रेडमिल पर दौड़ाया जाता है ताकि कुत्ता बेहद ताकतवर बन जाए. आक्रामकता लाने के लिए भी ट्रेनिंग दी जाती है. नरेश बताते हैं कि को भारत में आए केवल 2 से 3 साल ही हुआ है. यह विदेश की नस्ल है. हालांकि, भले ही कई देशों में पिटबुल को पालने पर प्रतिबंध लगाया गया हो, लेकिन भारत में इस पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है. इसी का फायदा कुछ लोग उठाते हैं. गैंबलिंग से लेकर डॉग फाइट और लोगों को डराने के लिए इस कुत्ते का इस्तेमाल किया जाता है. हलांकि पीएफए के मेंबर बताते हैं कि कई धाराओं के तहत आप इनके मालिक के खिलाफ पुलिस में शिकायत दे सकते हैं.